भानगढ़ का किला: श्राप, प्रेम और रहस्य की खौफनाक दास्तां

भानगढ़ का किला: श्राप, प्रेम और रहस्य की खौफनाक दास्तां प्रस्तावना: क्या सच में होता है कुछ? कल्पना कीजिए, आप एक ऐसे किले के अंदर खड़े हैं जहाँ चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है। हवाओं में अजीब सी सरसराहट है, और किले की वीरान दीवारें मानो कुछ कहने की कोशिश कर रही हैं। यह कोई हॉरर फिल्म का दृश्य नहीं, बल्कि हकीकत है – राजस्थान का भानगढ़ किला । भारत जैसे देश में जहां हर कोना किसी न किसी इतिहास या कहानी से जुड़ा है, वहाँ भानगढ़ का किला एक ऐसा नाम है जिसे सुनते ही रूह कांप जाती है। ये सिर्फ खंडहर नहीं, बल्कि एक ऐसा रहस्य है जिसे आज तक कोई सुलझा नहीं पाया । भानगढ़ का इतिहास: एक स्वर्ण युग से डरावनी दास्तां तक भानगढ़ किला 17वीं सदी में राजा माधो सिंह ने बनवाया था। माधो सिंह, अंबर के महान योद्धा मान सिंह के छोटे भाई थे। कहा जाता है कि इस क्षेत्र में पहले एक संपन्न नगर हुआ करता था, जहाँ करीब 9,000 से अधिक लोग निवास करते थे। बाजार, हवेलियाँ, मंदिर, और शाही महल – यह सब उस समय की समृद्धि के गवाह हैं। लेकिन जो जगह एक समय राजसी ठाठ और शाही वैभव की मिसाल थी, वो आज भारत की सबसे डरावनी जगह ...